न्यूज़ गेटवे /  अन्ना हजारे / नई दिल्ली /

कांस्टटियूशन क्लब में उन्होंने ऐलान किया कि अब वह राजनीतिक भ्रष्टाचार समाप्त करने के लिये दल विहीन (पार्टी लेस) चुनाव प्रणाली के लिये संघर्ष करेंगे। अर्थात पार्टी के नाम व चुनाव चिन्ह से नहीं प्रत्येक प्रत्याशी व्यक्तिगत चुनाव लड़ेगा। संसद में पार्टी नहीं व्यक्ति चुन कर आयेंगे और वही पीएम व राष्टृपति चुनेंगे। उनका दावा है कि इससे राजनीति अपराध व भ्रष्टाचार से मुक्त हो जायेगी।

अन्ना कश्मीर से कन्याकुमारी तक की यात्रा, “चिन्ह हटाओ तो लोकतंत्र आयेगा” के नारे से करने जा रहे हैं।
अन्ना के नवीन विचार भारतीय मतदाता संगठन के बैनर तले आयोजित “स्वच्छ राजनीति एंव अपराध मुक्त भारत” संगोष्ठी में उपजे हैं। मतदाता संगठन के प्रमुख व भाजपा नेता रिखब चन्द जैन, दिल्ली में मेयर मांगेलाल गर्ग, कांग्रेस से भाजपा में आये रमाकांत गोस्वामी आदि द्वारा आयोजित कार्यक्रम में अन्ना को लोकपाल, भाजपा की वादाखिलाफी और मोदी सरकार की किसान व मजदूर विरोधी नीतियों की सुध भी नहीं आयी।


अतीत में अन्ना आंदोलन का समर्थन करने वालों को ऐसा नहीं लगता कि अन्ना मानसिक रूप से दिवालिया हो चुके हैं ?
वह संघ के “वन नेशन वन इलेक्शन” और ई-वोटिगं जैसे अलोकतांत्रिक मुद्दों से भी आगे बढ़कर बहुदलीय लोकतांत्रिक व्यवस्था का नाश कर व्यक्तिवादी याने एक व्यक्ति की तानाशाही का राज स्थापित करने की वकालत कर रहे हैं ?

फेसबुक : अनिल दुबे  की वाल से 

https://www.facebook.com/profile.php?id=100007038009187&hc_ref=ARQZcgYlRdnW3GATcfJNXm1cfE4CUMDHFesj9qawTu9jFWzTJACvSGru9BidX_tfm5E&fref=nf&pnref=story

You may have missed

Subscribe To Our Newsletter