स्वच्छता संकल्प के साथ हुआ 24वें विश्व अध्यात्म समागम का भव्य समापन

लोकेश शर्मा / न्यूज़ गेटवे / अध्यात्म समागम /नई दिल्ली /

संत दर्शन सिंह धाम बुरारी, दिल्ली में अंतर्राष्ट्रीय ध्यान दिवस एवं संत राजेंदर सिंह के जन्मदिन के उपलक्ष में आयोजित 24वें अध्यात्म समागम का स्वच्छता संकल्प के साथ भव्य समापन हुआ | इस अवसर पर देश भर से आये लाखों साधकों के साथ 54 देशों के लगभग 500 प्रतिनिधियों के बीच परमार्थ परमाध्यक्ष, गंगा पुत्र स्वामी चिदानंद सरस्वती ‘मुनि जी’ ने संत राजेंदर सिंह को हरियाली, पर्यावरण, सौहार्द और स्वच्छता के प्रतीक रुद्राक्ष का पौधा देकर जन्मदिन की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि एकाग्रता और ध्यान के लिए अन्दर की शुद्धि आवश्यक है और अन्दर की शुद्धि के लिए पहले आपका घर, मोहल्ला, शहर का स्वच्छ होना बहुत जरुरी है | इसीलिए अन्दर की स्वच्छता के लिए पहले बाहर की स्वच्छता करें जिसके लिए हमारे प्रधानमंत्री ने स्वयं अपने हाथ से सफाई करते हुए देशवासियों को स्वच्छता का बड़ा सन्देश दिया है | उन्होंने कहा कि अन्दर-बाहर की स्वच्छता से ही नकारात्मक सोच से भरे 95 प्रतिशत लोगों को संत सकारात्मक सोच से भर देते हैं | उन्होंने संतों के सानिध्य में देश-विदेश से पधारे सभी साधकों को हाथ उठाकर स्वच्छता का संकल्प कराया |

अन्दर की स्वच्छता के लिए बाहरी स्वच्छता पहले करें – स्वामी चिदानंद सरस्वती लाखों साधकों को हाथ उठाकर कराया स्वच्छता का संकल्प

सावन कृपाल रूहानी मिशन के अध्यक्ष संत राजेंदर सिंह ने इस अवसर पर विश्व के सभी लोगों को सन्देश देते हुए कहा कि सब कुछ हमारे अन्दर है प्रेम, शांति, मानवता और ईश्वर | वो सबमें एक ही है अलग अलग नहीं, लेकिन वो अपने अन्दर देखने से, ध्यान करने से मिलेगा | भारतीय संस्कृति ने विश्व को योग और ध्यान दिया और अब यू. एन. की घोषणा के बाद पूरा विश्व एक साथ 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस और 20 सितम्बर को अंतर्राष्ट्रीय ध्यान दिवस पर भारत के ऋषि-मुनियों के बताये योग और ध्यान से आंतरिक शांति के साथ-साथ बाहरी मैल को साफ़ कर विश्व शान्ति की ओर अग्रसर है |

 

अन्दर-बाहर का मैल दूर करने से ही विश्व में शांति का प्रकाश फेलेगा –संत राजेंदर सिंह

 

देश-विदेश से पधारे संतों में अंतर्राष्ट्रीय विश्वकर्मा महाशक्ति पीठ से जगतगुरु विश्वकर्मा शंकराचार्य स्वामी दिलीप योगी जी महाराज, विश्वकर्मा उप शंकराचार्य वैज्ञानिक डा. रामप्रकाश रमन जी महराज, महामंडलेश्वर देवेन्द्रानन्द गिरी जी महराज, पीर ख्वाजा अहमद निजामी जी, वेन लामा लोबझांग जी, जैन संत पूज्य कस्तूरी मुनि जी महाराज, स्वामी स्वधर्मानंद जी, श्री श्री भगवान् आचार्य, रबी इजेकल इसाक मालेकर आदि ने विश्व शान्ति पर अपने सन्देश दिए | विदेशों से पधारे प्रतिनिधियों ने माता रीटा जी के साथ शब्द कीर्तन प्रस्तुत किया |

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