सऊदी में नोफ बनीं पहली योग ट्रेनर

न्यूज़ गेटवे /  सऊदी की पहली योग ट्रेनर / नई दिल्ली /  

योग को पूरी दुनिया में कितनी मान्यता मिल रही है, इसकी झलक मुस्लिम बहुल देश सऊदी अरब द्वारा इसे खेल का दर्जा देने से मिलती है। इतना ही नहीं नोफ मारवाई को  सऊदी की पहली योग ट्रेनर भी नियुक्त किया गया है, जबकि भारत के कट्टरपंथी योग का विरोध करते हैं। हाल ही में झारखंड की योग ट्रेनर राफिया नाज के घर पर पथराव तक किया गया था।

सऊदी अरब के व्यापार व उद्योग मंत्रालय ने मंगलवार को खेल गतिविधियों के तौर पर योग सिखाने को आधिकारिक मान्यता दे दी है। अब वहां लाइसेंस के साथ योग सिखाया जा सकेगा। इस्लामिक देश ने नोफ मारवाई (37) नामक महिला को सऊदी अरब की पहली योग प्रशिक्षक का दर्जा भी दिया है। दरअसल, नोफ की रुचि और सक्रियता की वजह से ही योग को खेल के तौर पर सऊदी में मान्यता मिली है। नोफ इसके लिए काफी समय से अभियान चला रही थीं।

अरब योगा फाउंडेशन की संस्थापक नोफ का मानना है कि योग और धर्म के बीच किसी तरह का टकराव नहीं है। उन्होंने बताया कि बीमारी के कारण वह योग के करीब आई। बकौल नोफ, डॉक्टर भी हैरान हैं कि मेरी बीमारी स्थिर कैसे है। नोफ ने बताया कि योग को आधिकारिक दर्जा दिलाने के लिए उन्होंने साल 2005 में अधिकारियों से संपर्क साधा था, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। इसके बाद उन्होंने सऊदी में महिलाओं के लिए बास्केटबॉल शुरू कराने वाली रॉयल काउंसिल की सदस्य प्रिंसेज रीमा बिंत बांदर अल-सौद से संपर्क साधा था। प्रिंसेज ने सकारात्मक रुख दिखाया था।

सऊदी के उलट भारत की मुस्लिम योग ट्रेनर राफिया नाज पर पथराव किया गया था। रांची के डोरंडा की रहने वाली राफिया काफी समय से योग सिखाने का काम कर रही हैं। वह एक साधारण परिवार से ताल्लुक रखती हैं। पिछले शुक्रवार को जब वह एक टीवी चैनल पर अपने घर से लाइव थीं तभी कट्टरपंथियों ने उनपर पत्थर बरसाए थे। उनका कसूर इतना था कि उन्होंने योग गुरु बाबा रामदेव के साथ योग के कार्यक्रम में मंच साझा किया था। इसके बाद से वह कट्टरपंथियों के निशाने पर हैं।

भारत की पहल पर ही 27 सितंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने योग को विश्व स्तर पर मान्यता दी थी। विश्व संस्था ने हर साल 21 जून को विश्व योग दिवस मनाने का भी एलान किया है। पिछले तीन साल से यह लगातार मनाया जा रहा है।

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