वेब एप्लीकेशन का शिकार होने में भारत सातवां प्रमुख देश
न्यूज़ गेटवे / साइबर हमले / नई दिल्ली /
भारत में तकनीक और डिजिटल को बढ़ावा देने के बीच एक ऐसी खबर आई है, जो आपको परेशान कर सकती है। एक रिपोर्ट के मुताबिक वेब एप्लीकेशन हमले के मामले में भारत दुनिया में सातवें स्थान पर है। दरअसल साल 2017 में हुए 53,000 साइबर हमले का करीब 40 फीसद शिकार भारत का फाइनेंस सेक्टमर हुआ है। एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत को वेब एप्लीकेशन अटैक (डब्ल्यूएए) के मामले में टारगेटेड देशों की सूची में सातवें स्थान पर रखा गया है। हैकर्स की निगाहें बैंक, इनवेस्टमेंट एजेंसी और बीमा कंपनियों पर टिकी हैं।
हैकर्स ने भारत में बैंकिंग, फाइनेंस और बीमा सेक्टर को निशाना बनाया है। हैकर्स ने इसके लिए फिशिंग, वेबसाइट घुसपैठ, वायरस और रैनसमवेयर जैसे तरीके का इस्तेमाल किया है।
जानकारों के मुताबिक हमलावरों का बड़ा मकसद हमेशा वित्तीय फायदे का रहा है। पिछले कुछ सालों में हैकर्स ने अपने टारगेट को निशाना बनाने के लिए रैनसमवेयर जैसे तरीके का ज्यादा इस्तेमाल किया है। अकामाई स्टेलट ऑफ इंटरनेट सिक्योररिटी क्यू 4 2017 की रिपोर्ट के मुताबिक डिस्ट्रि ब्यू टेड डिनायल ऑफ सर्विस (DDoS) हमले BFSI सेक्टेर में पिछली तिमाही की तुलना में 2017 के चौथी तिमाही में 50 फीसद और बढ़ गयी। इसके बाद ही भारत को डब्यूिक्एए की लिस्टम में सातवें स्थाथन पर रखा गया है।
डीडीओएस हमले की संख्याि फाइनेंस इंडस्ट्री में तेजी से बढ़ी है। पिछली तिमाही में 37 संगठनों में डीडीओएस हमले देखे गए थे जबकि इस बार हमले की संख्या बढ़कर 298 हो गई है। वहीं भारत से हटकर अमेरिका की बात की जाए, तो यहां 2017 की पिछली तिमाही की तुलना में डीडीओएस हमले में 31 फीसद की बढ़ौतरी हुई है।
हालांकि भारत में साइबर क्राइम के तहत सजा का प्रावधान है। इसके लिए आईटी (संशोधन) एक्ट 2008 की धारा 43 (ए), धारा 66- आईपीसी की धारा 379 और 406 के तहत अपराध साबित होने पर तीन साल तक की जेल या पांच लाख रुपये तक जुर्माना हो सकता है।