मानुषी छिल्लर ने जीता मिस वर्ल्ड 2017 का खिताब

न्यूज़ गेटवे /  मिस वर्ल्ड 2017 / नई दिल्ली /

17 साल बाद भारतीय सुंदरता ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपना परचम लहराया है। चीन के सान्या शहर में शनिवार रात रंगारंग कार्यक्रम में मिस इंडिया मानुषी छिल्लर को इस साल का मिस व‌र्ल्ड घोषित किया गया। इस प्रतियोगिता में दुनियाभर की 118 सुंदरियों ने हिस्सा लिया था।

मानुषी ने सभी प्रतिस्प‌िर्द्धयों को पीछे छोड़ते हुए मिस व‌र्ल्ड का खिताब अपने नाम किया। वह हरियाणा के सोनीपत शहर की रहने वाली हैं। इससे पहले आखिरी बार 2000 में प्रियंका चोपड़ा को मिस व‌र्ल्ड चुना गया था। इस प्रतियोगिता में दूसरे नंबर पर मिस मेक्सिको और तीसरे नंबर पर मिस इंग्लैंड रहीं। मानुषी 67वीं मिस व‌र्ल्ड हैं।

मानुषी हरियाणा राज्य के बहादुरगढ़  की बेटी है, उन्होंने मिस वर्ल्ड 2017 का खिताब जीत कर हरियाणा का नाम रोशन किया है। मानुषी छिल्लर का परिवार मूल रूप से बहादुरगढ़ के बामडौली गांव का रहने वाला है। मानुषी के पिता मित्रबसु पेशे से डॉक्टर हैं जो फिलहाल दिल्ली के इनमास इंस्टीट्यूट में असिस्टेंट डायरेक्टर हैं और माता नीलम इब्मास कालेज में बायोकेमिस्ट्री की प्रोफेसर। अब से तकरीबन 15-20 सालों पहले वो गांव छोड़कर दिल्ली आ कर बस गए थे, लेकिन गांव की बेटी की इस उपलब्धि से गांव वाले बहुत खुश हैं।

20 साल की मानुषी छिल्लर सोनीपत के भगत फूल सिंह मेडिकल कॉलेज की छात्रा हैं और कार्डिएक सर्जन बनना चाहती हैं। उनकी प्रारंभिक शिक्षा दिल्ली के सेंट थॉमस स्कूल में हुई है। मानुषी को पैराग्लाइडिंग, बंजी जंपिंग और स्कूबा डाइविंग रोमांचक जैसे खेल पसंद हैं। इसके अलावा उन्होंने भारतीय शास्त्रीय नृत्य में प्रशिक्षण लिया है। वह स्केचिंग और पेंटिंग भी बनाती हैं।

मिस व‌र्ल्ड बनना मानुषी के बचपन का सपना था। एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि बचपन में मैं हमेशा से इस प्रतियोगिता में हिस्सा लेना चाहती थी। हालांकि, मुझे यह कभी नहीं पता था कि मैं यहां तक पहुंच जाऊंगी। मानुषी समाजसेवा के कार्यो से भी जुड़ी रही हैं। उन्होंने महिलाओं की माहवारी के दौरान हाइजीन से संबंधित एक कैंपेन में करीब 5000 महिलाओं को जागरूक किया है।

 

मानुषी छिल्लर से फाइनल राउंड में जूरी ने सवाल पूछा था कि किस व्यवसाय में सबसे ज्यादा सैलरी मिलनी चाहिए और क्यों? इसके जवाब में मानुषी ने कहा कि मां को सबसे ज्यादा सम्मान मिलना चाहिए। इसके लिए उन्हें कैश में सैलरी नहीं बल्कि सम्मान और प्यार मिलना चाहिए।

बहादुरगढ़ के बामडौली गांववालों का कहना है कि उनकी बेटी ने पूरे देश में गांव का नाम रोशन किया है। उन्होनें मानुषी को उनकी इस उपलब्धि के लिए शुभकामनायें दी हैं। उन्हें अपनी बेटी पर पूरा भरोसा है कि मानुषी भविष्य में समाजिक कार्यों से जुड़ कर देश के उत्थान में अपनी अपनी अहम भमिका निभायेगी।

मानुषी के परिवार का गांव में एक घर आज भी है, जो सालों से बंद पड़ा है। वहीं गांव की मुख्य सड़क पर उनके पुरखों द्वारा बनवाया गया एक मंदिर भी है। उनके पड़ोसियों का कहना है कि मानुषी ने यह खिताब जीत कर एक मिशाल पेश की है।

उनका मानना है कि मानुषी से प्रेरणा लेकर उनके गांव की और भी बेटियां आगे आयेंगी। इसके साथ ही अब ग्रामीण भी बेटी बचाओ, बेटी पढाओ मुहीम का हिस्सा बनकर अपनी बेटियों को शिक्षित भी करेंगे। बताते चलें कि वैसे तो मानुषी का जन्म रोहतक में हुआ था।

अब उनका पूरा परिवार दिल्ली में रहता है। लेकिन गांव बामडौली से उनका गहरा नाता है। अक्सर उनका यहां आना जाना लगा रहता है। फिलहाल मानुषी खनपुर मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की द्वितीय वर्ष की छात्रा हैं। मानुषी पढ़ाई के साथ साथ फैशन की दुनिया में भी जलवा बिखेर चुकी हैं।

 

 

 

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