बजट 2021: बेहतर स्वास्थ्य और निरोगी भारत के नाम
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2021-22 के बजट के जरिए न्यू इंडिया का खाका देश के समक्ष रखा। कोरोना महामारी की पृष्ठभूमि में अभूतपूर्व बजट पेश करते हुए सीतारमण ने हेल्थकेयर, इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में निवेश के जरिए रोजगार सृजन पर जोर दिया है। उन्होंने अपने बजट भाषण की शुरुआत में कहा कि कोविड-19 संकट के बाद से अबतक सरकार कई मिनी बजट ला चुकी है। सीतारमण द्वारा पेश किया गया यह बजट छह प्रमुख स्तंभों पर आधारित है। कोरोना महामारी की वजह से इस बार का बजट पेपरलेस रखा गया। वित्त मंत्री ने एक टैब के जरिए अपना तीसरा बजट पेश किया। कोरोना संक्रमण समेत कई अन्य गंभीर बिमारियों से निपटने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हेल्थ सेक्टर के लिए बड़ीघोषणा की है.
नई दिल्लीःअपने बजट भाषण के दौरान हेल्थ सेक्टर के लिए निर्मला सीतारमण ने बड़ी सौगात दी है. अपने बजट भाषण के दौरान वित्त मंत्री ने ऐलान किया कि हेल्थ सेक्टर का बजट 94 हजार करोड़ से बढ़ाकर 2 लाख 23 हजार 846 करोड़ रुपये कर दिया गया है. लोकसभा में सीतारमण ने कहा कि कोरोना वैक्सीनेशन के लिए इस बजट में 35,000 करोड़ रुपये रखे गए हैं. अगर आगे भी जरूरत पड़ती है तो मैं फंड मुहैया कराने के लिए प्रतिबद्ध हूं.
कोरोना को लेकर वित्त मंत्री ने कहा कि इस बीमारी का असर दुनियाभर में पड़ा है और भारत ने इस महामारी से निपटने के लिए बड़े कदम उठाए हैं. वित्त मंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी ने हमारी चुनौतियां बढ़ा दी है. कोरोना के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था पर असर पड़ा है.
भारत के पास दो कोविड वैक्सीन उपलब्ध
लोकसभा में बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने कहा, ”हमारी सरकार ने हर स्थिति पर नजर बनाए रखी और अपने रिस्पांस में हम अत्यन्त मुस्तैद भी रहे, PMGKY और आत्मनिर्भर पैकेज के अलावा कई अन्य घोषणाएं भी हमारी सरकार ने की.”
वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण के दौरान कहा कि हमने कोविड-19 के खिलाफ नागरिकों को चिकित्सा की दृष्टि से सुरक्षित करना शुरू किया, जिसकी बदौलत आज भारत के पास दो कोविड वैक्सीन उपलब्ध है.
पीएम ने वैज्ञानिकों को दिया टीका का श्रेय
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि हमने 100 या उससे भी अधिक देश के लोगों को कोविड के विरूद्ध सुरक्षा मुहैया कराई. पीएम ने वैज्ञानिकों को श्रेय देते हुए इस टीकाकरण अभियान का शुभारंभ किया. इतिहास में यह पल एक नए युग के अवतरण की शुरूआत है.
सीतारमण ने कहा कि भारत सही मायनों में संभावनाओं और उम्मीदों की धरती बनने के लिए तैयार है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2020-21 में सरकार ने 4.21 लाख करोड़ रुपए खर्च किए. इस वित्त वर्ष 2021-22 में सरकार ने 4.39 लाख करोड़ रुपए खर्च करने का लक्ष्य रखा है. इस बार स्वास्थ्य क्षेत्र का बजट 94 हजार करोड़ से बढ़ाकर 2.38 लाख करोड़ कर दिया गया है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कोरोना वैक्सीन को लेकर बड़ा ऐलान किया है. वित्त मंत्री ने कहा कि हमारे पास दो वैक्सीन हैं और दो और वैक्सीन भी जल्द ही आएंगी. वित्त मंत्री की इस घोषणा से देश में कोरोना के टीकाकरण कार्यक्रम में और तेजी से आ पाएगी. देश में फिलहाल सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड और भारत बायोटेक की कोवैक्सीन उपलब्ध हैं. इन दोनो वैक्सीन से देश में टीकाकरण किया जा रहा है.
बजट भाषण के दौरान निर्मला सीतारमण ने कहा कि महामारी के समय सरकार के रूप में हमने हर स्थिति पर नज़र बनाए रखी और अपने रिस्पांस में हम अत्यन्त मुस्तैद भी रहे. हमने कोविड-19 के विरूद्ध नागरिकों को चिकित्सा की दृष्टि से सुरक्षित करना शुरू किया, जिसकी बदौलत आज भारत के पास दो कोविड वैक्सीन उपलब्ध है.
कोरोना वैक्सीनेशन के लिए 35,000 35,000 करोड़ रुपये का प्रावधान
वित्त मंत्री ने कहा कि हमने 100 या उससे भी अधिक देशों के लोगों को कोविड के विरूद्ध सुरक्षा मुहैया कराई. उन्होंने कहा कि कोरोना का असर दुनियाभर पर पड़ा है और भारत ने इस महामारी से निपटने के लिए बड़े कदम उठाए हैं. उन्होंने कहा कि कोरोना वैक्सीनेशन के लिए इस बजट में 35,000 करोड़ रुपये रखे गए हैं.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार ने स्वाथ्य और हेल्थकेयर सेक्टर के लिए बजट 94 हजार करोड़ रुपये से बढ़ाकर 2.38 लाख करोड़ रुपये का किया है और इसके जरिए देश के सभी लोगों को बेहतरीन स्वास्थ्य सुविधाएं दी जाएंगी. इसेक साथ ही उन्होंने कहा कि केंद्र की एक नई योजना प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना लॉन्च की जाएगी, इस योजना पर 6 वर्षों में करीब 64,180 करोड़ खर्च होगा.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज देश का केंद्रीय बजट संसद में पेश कर दिया है और इसमें शुरुआती मिनटों में ही कोरोना वैक्सीन को लेकर बड़ा एलान कर दिया है. उन्होंने कहा कि कोरोना का असर दुनियाभर पर पड़ा है और भारत ने इस महामारी से निपटने के लिए बड़े कदम उठाए हैं. उन्होंने कहा कि कोरोना वैक्सीनेशन के लिए इस बजट में 35,000 करोड़ रुपये रखे गए हैं.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार ने स्वाथ्य और हेल्थकेयर सेक्टर के लिए बजट 94 हजार करोड़ रुपये से बढ़ाकर 2.38 लाख करोड़ रुपये का किया है और इसके जरिए देश के सभी लोगों को बेहतरीन स्वास्थ्य सुविधाएं दी जाएंगी.
बजट में अब तक वित्त मंत्री ने क्या-क्या कहा
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि हमने 100 या उससे भी अधिक देश के लोगों को कोविड के विरूद्ध सुरक्षा मुहैया कराई, पीएम ने वैज्ञानिकों को श्रेय देते हुए इस टीकाकरण अभियान का शुभारंभ किया. इतिहास में यह पल एक नए युग के अवतरण की शुरूआत है, भारत सही मायनों में संभावनाओं और उम्मीदों की धरती बनने के लिए तैयार है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2020-21 में सरकार ने 4.21 लाख करोड़ रुपए खर्च किए. इस वित्त वर्ष 2021-22 में सरकार ने 4.39 लाख करोड़ रुपए खर्च करने का लक्ष्य रखा है. इस बार स्वास्थ्य क्षेत्र का बजट 94 हजार करोड़ से बढ़ाकर 2.38 लाख करोड़ कर दिया गया है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण के दौरान कहा कि 2021-22 का बजट 6 स्तंभों पर टिका है. पहला स्तंभ है स्वास्थ्य और कल्याण, दूसरा-भौतिक और वित्तीय पूंजी और अवसंरचना, तीसरा-अकांक्षी भारत के लिए समावेशी विकास, मानव पूंजी में नवजीवन का संचार करना,पांचवा-नवाचार और अनुसंधान और विकास, छठा स्तंभ-न्यूनतम सरकार और अधिकतम शासन. सरकार ने सबसे संवेदनशील वर्गों को सहारा देने के लिए, पीएमजीकेवाई, तीन आत्मनिर्भर पैकेज और बाद में की गईं घोषणाएं अपने आप में पांच मिनी बजट के समान थीं. आत्मनिर्भर पैकेजों ने ढांचागत सुधारों की हमारी गति को बढ़ाया.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में बजट 2021-22 पेश कर दिया है. सीतारमण ने स्वास्थ्य क्षेत्र को 2.24 लाख करोड़ रुपए दिए हैं. साथ ही सरकार की ओर से कोरोना वैक्सीन के लिए 35 हजार करोड़ का फंड दिया गया है. इस बजट में ग्रामीण विकास के लिए 40 हजार करोड़ और किसानों के कर्ज के लिए साढ़े सोलह लाख करोड़ रुपए दिए गए हैं. बजट में स्वास्थ्य सेवा बुनियादी ढांचे और रक्षा पर अधिक खर्च के माध्यम से आर्थिक सुधार को आगे बढ़ाने पर अधिक ध्यान दिया गया है. यह एक अंतरिम बजट समेत मोदी सरकार का नौवां बजट है. यह बजट ऐसे समय पेश हुआ है, जब देश कोविड-19 संकट से बाहर निकल रहा है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा कोरोना महामारी के बीच मुश्किलों और चुनौतियों के बीच पेश किया गया 2020-2021 का बजट प्रस्ताव 6 स्तंभों पर आधारित है, जिसका जिक्र उन्होंने अपने भाषण में किया। बजट में स्वास्थ्य क्षेत्र में निवेश 137 फीसद बढ़ा है जो हमारे पिछले साल के बजट अनुमानों से 2.47 गुना अधिक है। उन्होंने इसके अतिरिक्त 2015-16 के बजट में अरुण जेटली ने जो 13 वादे किए थे, उनके तेजी से आगे बढ़ाने पर अमल किया गया है।
बजट के 6 वादे
1. स्वास्थ्य और कल्याण
2. भौतिक और वित्तीय पूंजी और अवसंरचना (इंफ्रास्ट्रक्चर )
3. आकांक्षी भारत के लिए समावेशी विकास
4. मानव पूंजी में नवजीवन का संचार करना । (शिक्षा में निवेश)
5. नववर्तन और अनुंसधान एवं विकास
6. न्यूनतम सरकार और अधिकतम शासन
स्वास्थ्य सुविधाओं में विकास पर फोकस
कोरोना महामारी के बाद सरकार का फोकस स्वास्थ्य सुविधाओं की ओर बढ़ गया है। बजट भाषण में वित्त मंत्री निर्मला सीतारण ने कहा कि आरंभ में ही मैं यह कहना चाहूंगी कि इस बजट में स्वास्थ्य अवसंरचना पर निवेश पर्याप्त रूप से बढ़ा दिया गया है। आगे चलकर संस्थाएं जैसे-जैसे अधिक समायोजि त कर पाएंगी, वैसे-वैसे हम अधिक से अधिक सहायता करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने आगे कहा कि स्वास्थ्य केप्रति समग्र दृष्टिकोण अपनाते हुए, हमने तीन क्षेत्रों को सुदृढ़ करने पर ध्यान केंद्रित किया है –निवारक, उपचारात्मक, सुधारात्मक और कल्याण।
कैसे विकसित होंगी देश में स्वास्थ्य प्रणालियां
वित्त मंत्री ने कहा कि एक नई केंद्रित प्रायोजित योजना पीएम आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना 64,180 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ 6 वर्ष के लिए लांच की जाएगी। यह प्राथमिक, दि्वतीयक और तृतीयक देखभाल स्वास्थ्य प्रणालियों की क्षमताओं को विकसित करेगी। मौजूदा राष्ट्रीय संस्थाओं को सुदृढ़ करेगी और नई और सामने आने वाली बीमारियों की पहचान करने और उनका इलाज करने के लिए नई संस्था बनाएंगी। यह राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अतिरिक्त होगी।
नई संस्थाओं का सृजन
1. 17,788 ग्रामीण और 11,024 शहरी स्वास्थ्य और वैलनेस केंद्र को स्थापित किया जाएगा।
2. 11 राज्यों में सभी जिले में एकीकृत लोक स्वास्थ्य प्रयोगशालाएं और 3382 ब्लॉक लोक स्वास्थ्य इकाइयां स्थापित किया जाएगा।
3. 602 जिलों और 12 केद्रीय संस्थान में क्रिटिकल केयर हॉस्पिटल ब्लाक स्थापित किया जाएगा।
4. राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी), इसके पांच क्षेत्रीय शाखाओं और 20 महानगर स्वास्थ्य निगरानी इकाइयां को सुदृढ़ किया जाएगा।
5. एकीकृत स्वास्थ्य सूचना पोर्टल का सभी राज्यों /संघ राज्यों में विस्तार ताकिसभी लोक स्वास्थ्य प्रयोगशालाओं को जोड़ा जाएगा।
6. 17 नई लोक स्वास्थ्य इकाइयों को चालू किया जाएगा और 33 मौजूदा लोक स्वास्थ्य इकाइयां को प्रवेश बिंदुओं पर सुदृढ़ किया जाएगा जो 32 विमानपत्तनम, 11 बंदरगाह और 7 लैंड क्रासिंग पर हैं।
7. 15 स्वास्थ्य आपातकालीन आपरेशन को और 2 मोबाइल अस्पताल केंद्र स्थापित किया जाएगा।
8. वन हेल्थ, जो डब्लूएचओ दक्षिण पूर्व एशिया क्षेत्र के लिए क्षेत्रीय अनुसंधान प्लेटफार्म हैं, के लिए एक राष्ट्रीय संस्थान।
9 बायो- सेफ्टी लेवल तीन प्रयोगशालाएं और विषाणु विज्ञान के लिए 4 क्षेत्रीय राष्ट्रीय संस्थानों की स्थापना की जाएगी।
पोषणगत मात्रा, डिलीवरी, आउटरीच तथा परिणाम को सुदृढ़ करने के लिए संपूरक पोषण कार्यक्रम और पोषण अभियान का विलय कर देंगे और मिशन पोषण 2.0 का शुभारंभ करेंगे। देश के 112 आकांक्षी जिलों में पोषणगत परिणाम में सुधार लाने के लिए एक सुदृढ़कृत कार्यनीति को अपना जाएगा।