प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जापान के प्रधानमंत्री -शिंजो आबे ने किया बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट का शिलान्यास

न्यूज़ गेटवे / मुंबई अहमदाबाद हाईस्पीड रेल परियोजना / अहमदाबाद /

बुलेट ट्रेन का यह प्रोजेक्ट अहमदाबाद से मुंबई तक का है। सरकार की तरफ से यह प्रोजेक्ट 2022 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने देश में रेलवे के इतिहास के नए युग का शुभारंभ करते हुए मुंबई अहमदाबाद हाईस्पीड रेल परियोजना की आज आधारशिला रखी। यह प्रोजेक्ट करीब 1 लाख करोड़ रुपए का है। इसके साथ ही भारतीय रेलवे में ना सिर्फ एक नया अध्याय जुड़ जाएगा बल्कि हजारों लोगों के लिए रोजगार के रास्ते भी खुलेंगे। बुलेट ट्रेन का यह प्रोजेक्ट अहमदाबाद से मुंबई तक का है। सरकार की तरफ से यह प्रोजेक्ट 2022 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
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अहमदाबाद के साबरमती स्थित रेलवे के एथलेक्टिस स्टेडियम में आयोजित एक भव्य समारोह में दस हजार से अधिक लोगों के समक्ष दोनों प्रधानमंत्रियों ने यहां बनने वाले मुख्य स्टेशन एवं यार्ड तथा वडोदरा में निर्मित होने वाले हाईस्पीड रेल ट्रैक प्रशिक्षण संस्थान के निर्माण की आधारशिला पट्टिका का अनावरण किया। इस मौके पर श्री फणनवीस ने कहा कि यह बुलेट ट्रेन परियोजना की नहीं बल्कि नए भारत की नींव रखी गई है। इसका गुजरात एवं महाराष्ट्र के लाखों लोगों को रोजगार मिलेगा। दोनों राज्योंं के सकल घरेलू उत्पाद में वृद्धि होगी। पूरे गुजरात में बुलेट ट्रेन को लेकर बहुत उल्लास एवं उत्साह का माहौल है। सभी आय वर्गों के लोग बुलेट ट्रेन को जल्द से जल्द देखने को उत्सुक हैं।
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रेल मंत्री गोयल ने इसे देश के लिए हर्ष का अवसर बताते हुए कहा कि बुलेट ट्रेन दो मित्र देशों के भारत एवं जापान के बीच संबंधों में भाईचारे का प्रतीक होगी। यह प्रधानमंत्री मोदी के ‘न्यू इंडिया’ के सपने को पूरा करेगी। उन्होंने कहा कि गांधी जी की कर्मभूमि साबरमती में इस परियोजना का शुभारंभ होना गौरव की बात है जिनके जीवन में रेल के कारण ही बदलाव आया और नस्लीय भेदभाव की ट्रेन ने उन्हें समानता एवं स्वतंत्रता की लड़ाई लड़ने की प्रेरणा मिली। उन्होंने कहा कि भारतीय रेल दुनिया की आधुनिकतम तकनीक से जुड़ेगी और देश की आर्थिक तरक्की को और गति देगी। करीब 160 साल पुरानी भारतीय रेल का विगत चार पांच दशकों से तकनीक विकास जरूरत के मुताबिक नहीं हो पाने से अनेक संकटों में घिरी है। देश में शिन्कान्सेन तकनीक आने से भारतीय रेलवे तेजी से आगे बढ़ेगी। प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के माध्यम से भारत में मेक इन इंडिया के माध्यम से सस्ती बुलेट ट्रेनें बनेंगी जिन्हें निर्यात करके पैसा कमाया जा सकेगा। बुलेट ट्रेन की लागत में कमी आने से उस तकनीक से भारतीय रेल नेटवर्क को भी उन्नत बनाया जा सकेगा। इस प्रकार से यह परियोजना भारतीय रेलवे की शक्लो-सूरत बदलने वाली परियोजना है।

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