ढाका घुसपैठियों को न वापस लेगा और ना ही इस पर असम से बात करेगाः बांग्लादेशी उच्चायुक्त

सत्य नारायण मिश्र  / न्यूज़ गेटवे / अवैध बांग्लादेशी  / गुवाहाटी /

असम में जारी राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) अद्यतन से चिंतित बांग्लादेश ने यहां चिन्हित होने वाले अवैध घुसपैठियों को वापस लेने से साफ इनकार कर दिया है। यहां तक कि उसने अपने राष्ट्रपति मो. अब्दुल हामिद की असम यात्रा में घुसपैठ मुद्दे पर बातचीत की संभावनाओं को भी नकार दिया।

राज्य की प्रमुख विपक्षी कांग्रेस लगातार इस बात पर जोर दे रही है कि मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल अतिथि राष्ट्रपति के साथ अवैध बांग्लादेशी घुसपैठ पर अवश्य बात करें। विधानसभा में नेता विरोधी दल कांग्रेस के देवब्रत सइकिया ने इस बावत मुख्यमंत्री से बाकायदा पत्र लिखकर अनुरोध किया है।

पत्रकारों के सामने भारत में बांग्लादेश के उच्चायुक्त सइद मुअज्जम अली ने साफ कर दिया कि उनके राष्ट्रपति व असम के मुख्यमंत्री के बीच इस बारे में बातचीत की गुंजाइश उनका देश नहीं देखता। उन्होंने कहा कि असम में एनआरसी पूरी होने के बाद उनका देश यहां के अवैध घुसपैठियों को वापस नहीं लेगा।

अली के मुताबिक उनका देश एनआरसी प्रक्रिया से खासा चिंतित है। वे नहीं मानते कि असम में एनआरसी प्रक्रिया से उनके देश का कोई संबंध है। इसलिए अवैध घुसपैठियों को वापस लेने का सवाल ही नहीं उठता।

राज्य में एनआरसी अद्यतन की मूल वजह ही यहां अरसे से रह रहे अवैध बांग्लादेशी घुसपैठिये ही हैं। उनकी पहचान के अहम उद्देश्य से सुप्रीम कोर्ट की सीधी देखरेख में यह प्रक्रिया पिछले तीन साल से जारी है।

राज्य में तमाम जातीय संगठन एनआरसी अद्यतन पश्चात चिन्हित अवैध घुसपैठियों को बांग्लादेश वापस भेजने के लिए अभी से दबाव बना रहे हैं। वे केंद्र की तरफ से भारतीय नागरिकता कानून संशोधन विधेयक को पारित कराने की कोशिशों का पुरजोर विरोध जताते आ रहे हैं।

उनका मानना है कि यह हिंदू बांग्लादेशियों को यहां बसाने की केंद्र की साजिश है। जातीय संगठनों के साथ सभी गैर-भाजपा राजनीतिक दलों की एकराय है कि एक भी अवैध बांग्लादेशी, चाहे वह किसी भी जाति का हो, एनआरसी अद्यतन
पश्चात यहां नहीं रहना चाहिए।

बांग्लादेश सरकार की चिंता का मूल कारण भी यही दबाव है। भारत में बांग्लादेश के उच्चायुक्त का यह भी दावा है कि उनके देश की प्रति व्यक्ति औसत आय असम से कहीं अधिक है। ऐसे में उनके देश से यहां कोई क्यों घुसपैठ करेगा। वे यह मानने को कतई तैयार नहीं हैं कि उनके देश से असम में कोई घुसपैठ हुई या हो रही है।

बांग्लादेशी उच्चायुक्त के अनुसार इस मामले में असम सरकार के साथ कोई चर्चा नहीं हुई। बल्कि उन्होंने इस मसले को केंद्र
सरकार के सामने रखने का सुझाव असम सरकार को अवश्य बिना मांगे दिया। उनके मुताबिक ऐसा करने से इस मुद्दे पर बातचीत का प्रासंगिक मंच मिल सकेगा। इसके पहले केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजु ने कहा था कि भारत
सरकार का बांग्लादेश के साथ प्रत्यर्पण मसले पर कोई नया समझौता करने का विचार नहीं है। इन ताजा बयानों के बाद राज्य में एनआरसी अद्यतन पश्चात पाए जाने वाले अवैध घुसपैठियों के यहां से बाहर किए जाने का मसला अभी से अधर में लटकता दिखाई देने लगा है।

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