डिजिटल पेमेंट पर जीएसटी में छूट देने से खजाने को होने वाले नुकसान का आकलन
न्यूज़ गेटवे / डिजिटल पेमेंट / नई दिल्ली /
डिजिटल ट्रांजैक्शन पर जीएसटी में छूट देने पर विचार कर रहा मंत्री समूह इस मुद्दे पर कोई निर्णय करने से पहले इसके राजस्व पर प्रभाव का आकलन करेगा। बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी की अध्यक्षता में शुक्रवार को मंत्री समूह की पहली बैठक हुई। बैठक में यह भी तय किया गया कि देश को लेसकैश अर्थव्यवस्था बनाने के लिए मंत्री समूह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सर्वश्रेष्ठ पद्धतियों का अध्ययन भी करेगा।
बैठक के बाद मोदी ने यहां संवाददाताओं से कहा कि मंत्री समूह 10 दिन के भीतर एक बार फिर बैठक करेगा ताकि डिजिटल पेमेंट पर जीएसटी में छूट देने से खजाने को होने वाले नुकसान का आकलन किया जा सके। इसके बाद मंत्री समूह विचार करके जीएसटी काउंसिल के समक्ष अपनी सिफारिश देगा। इसके बाद जीएसटी काउंसिल इस संबंध में कोई निर्णय करेगी। विभिन्न राज्यों ने जो प्रश्न उठाए हैं, मंत्री समूह उन पर भी विचार करेगा।
मंत्री समूह में शामिल पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री अमित मित्र ने कहा कि इस प्रस्ताव पर हर तरह से विचार विमर्श करने की जरूरत है। मित्र पहले भी इस प्रस्ताव विरोध जता चुके हैं। मंत्री समूह में शामिल पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत बादल ने कहा कि दक्षिण कोरिया और ब्राजील जैसे देशों का अध्ययन किया जाना चाहिए जो अर्थव्यवस्था को लेसकैश बनाने में कामयाब रहे हैं।
वित्त मंत्रालय के अनुसार डिजिटल पेमेंट पर जीएसटी में छूट से सरकार के खजाने पर लगभग 25,000 करोड़ रुपये का बोझ पड़ने का अनुमान है। बताया जाता है कि इस बोझ को देखते ही कई राज्यों ने डिजिटल पेमेंट पर जीएसटी में छूट के केंद्र सरकार के प्रस्ताव का विरोध किया है। सरकार ने सबसे पहले 10 नवंबर 2017 को जीएसटी काउंसिल की गुवाहाटी में हुई बैठक में डिजिटल पेमेंट पर जीएसटी में छूट का प्रस्ताव रखा था लेकिन अब तक इस पर निर्णय नहीं हुआ है।