घोटालेबाजों से मिलीभगत की सरकार : गुलाम नबी आजाद
सत्य नारायण मिश्र / न्यूज़ गेटवे / घोटालेबाजों से मिलीभगत / गुवाहाटी /
राज्यसभा में नेता विपक्ष और वरिष्ठ कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने प्रकारांतर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर घोटालेबाजों से मिलीभगत का आरोप लगाया है। उनके मुताबिक हाल ही में सामने आए हजारों करोड़ के घोटालों की जानकारी प्रधानमंत्री को अवश्य होगी।
वे त्रिपुरा और मेघालय के चुनावी दौरों से लौटते हुए यहां प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में पत्रकारों के सामने बोल रहे थे। उन्होंने चुन-चुन कर प्रधानमंत्री और भाजपा पर प्रहार किए। मिलीभगत की सरकार, टीवी व विज्ञापन की सरकार और खासतौर से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को उंगली पर नचाने वाली सरकार बताया। कहा, यह सरकार तानाशाही मनोवृत्ति की है, जो तमाम
लोकतांत्रिक प्रक्रिया को खिलौना बनाने पर तुली है।
अपनी बात को प्रमाणित करने के लिए जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने सुप्रीम कोर्ट के चार जजों का हवाला दिया। बोले, तभी तो उन जजों को सार्वजनिक तौर पर कहना पड़ा कि देश का लोकतंत्र बचाओ। आजाद देश के इतिहास
में यह अभूतपूर्व घटना है।
एक सवाल के जवाब में आजाद ने कहा कि यूपीए सरकार के समय कथित तौर से जो भ्रष्टाचार मनरेगा जैसी योजनाओं में ब्लॉक स्तर पर था, एनडीए सरकार में अंतर्राष्ट्रीय हो गया है। बल्कि यह सरकार ही अंतर्राष्ट्रीय स्तर की भ्रष्टाचारी संरक्षक हो गई है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के समय में भी भ्रष्टाचार होता था। लेकिन उसकी जांच होती थी। मंत्री तक से इस्तीफा लिया और जेल भेजा जाता था। मोदी सरकार में जांच भी नहीं हो रही। कोई पांच हजार, कोई ग्यारह हजार करोड़ का घोटाला कर विदेश भाग गया, सरकार कुछ नहीं कर रही।
वरिष्ठ कांग्रेसी नेता के मुताबिक प्रधानमंत्री सारी दुनिया को अपनी जेब में लेकर घूमने का दम भरते हैं। लेकिन एक भी देश से यह कहने की दम नहीं दिखा पाते कि हमारे यहां से घोटाला कर वहां छिपे अपराधी को हमारे हवाले करो। सच बात तो यह है कि हमारे प्रधानमंत्री केवल फोटो-बाइट के माहिर हैं। एक देश को भी राजी क्यों नही कर पाते। आजाद के शब्दों में, यह मिलीभगत की सरकार है।
सेनाध्यक्ष का काम देश की रक्षा, राजनीतिक बयानबाजी नहीं
गुलाम नबी आजाद के मुताबिक सेनाध्यक्ष को किसी भी राजनीतिक पार्टी का
मुखापेक्षी होने की जगह देेश की एक-एक इंच जमीन की सुरक्षा की अपनी
जिम्मेदारी निभानी चाहिए।
हाल ही में सेनाध्यक्ष जनरल विपिन रावत ने असम के कुछ जिलों में मुस्लिम
आबादी और भाजपा की तुलना में एआईयूडीएफ का जनाधार कहीं अधिक बढ़ने की बात
कही थी। इस बारे में पूछे जाने पर राज्यसभा में नेता विपक्ष ने कहा कि यह
सेनाध्यक्ष का काम नहीं है। आजादी के बाद से सेना को हमेशा अराजनीतिक
बनाए रखा गया है। सेना हमारी संरक्षक है। लेकिन उसे किसी भी राजनीतिक
पार्टी के उत्थान और पतन से प्रभावित नहीं होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि सेनाध्यक्ष का काम सेना देश की सीमा की सुरक्षा और सेना
से जुड़ी अपनी जिम्मेदारियां निभाना है। राजनीतिक टिप्पणी करना उनकी
ड्यूटी नहीं है। उम्मीद है कि सेना भविष्य में भी राजनीति से बाहर
रहेगी।
पूर्वोत्तर के साथ मोदी सरकार ने किया छलः आजाद
वरिष्ठ कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने केंद्र की मोदी सरकार पर जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर भारत को विकास से दूर रखने का आरोप लगाया है। उनके मुताबिक केंद्र को दरअसल इन दोनों क्षेत्रों की भौगोलिक संवेदनशीलता
को लेकर कुछ जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि हालांकि जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर के बीच पूरी तरह से अंतर है। दोनों की भौगोलिक, सांस्कृतिक और अन्य जीवनगत रुचियों में खासा पार्थक्य है। भाजपा नेतृत्व और केंद्र सरकार को इसकी समझ नहीं है। वह किसी भी तरह सही-गलत तरीके से पूर्वोत्तरीय राज्यों में सत्ता हासिल करना
चाहती है। जैसा मणिपुर में किया था। आजाद के मुताबिक भाजपा मेघालय में धन और बाहुबल से मतदाताओं को भरमाने के प्रयास में है। जबकि कांग्रेस हमेशा से अपनी सेक्युलर नीतियों के साथ सभी समुदायों के विकास की बात करती आई है। वहीं केंद्र की भाजपा नीत सरकार लोगों के खानपान और जीवनशैली पर भी अपनी मर्जी लादने के पूरे प्रयास में है।