गोगोई को निवेश समझौतों पर संदेह, श्वेतपत्र की मांग

सत्य नारायण मिश्र  / न्यूज़ गेटवे / श्वेतपत्र की मांग / गुवाहाटी /

पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने बताया कि वे राजनीति छोड़ देंगे, अगर मौजूदा मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल बांग्लादेश से राज्य में 40 हजार करोड़ रुपए का निवेश कराकर दिखा दें। एडवांटेज असमः ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट की घोर आलोचना करते हुए उन्होंने राज्य सरकार से श्वेतपत्र प्रकाशित करने की मांग की है।

सोमवार को पत्रकारों के सामने गोगोई ने एक लाख करोड़ के निवेश समझौतों के राज्य सरकार के दावे की खिल्ली उड़ाई। कहा कि इसका चौथाई निवेश लाकर दिखा दे तो वे मुख्यमंत्री सोनोवाल और वित्त मंत्री हिमंत विश्व शर्मा का सार्वजनिक अभिनंदन करेंगे। उनके मुताबिक सारे दावे हवा-हवाई हैं।

पूर्व मुख्यमंत्री के मुताबिक ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के लिए जरूरी तमाम ढांचागत विकास तो वे अपने समय में कर गए थे। उनके समय में भी राज्य में टाटा व अंबानी निेवेश की बात करने आए थे। लेकिन उन्होंने इन सबके लिए लाल
गलीचा तो नहीं बिछाया था। सभी ने अपनी ओर से यहां आकर निवेश की रुचि दिखाई थी।

उनके अनुसार इसके विपरीत वर्तमान सरकार ने रास्तों को रौशनी से सराबोर कर निवेशकों को बुलाया। उनके दिन में यह सब नहीं किया गया था। निवेशकों के इस तरह से पीछे नहीं पड़ गए थे।  टाटा-अंबानी आदि अपने से आए थे। खुद को कारपोरेट घरानों को लाल गलीचा बिछाने का घोर विरोधी बताते हुए गोगोई ने कहा कि समिट में बंबू मिशन की बात जोर-शोर से कही गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इसका जिक्र किया है। लेकिन राज्य में बंद पड़े दो कागज कारखानों को पुनर्जीवित करने के बारे में एक शब्द नहीं कहा। पूर्व मुख्यमंत्री ने आईओसी, ऑयल  और आईओसीएल की ओर से 26432 करोड़ के निवेश की
घोषणा पर भी सवाल खड़ा किया। कहा कि ये तो पहले पहले से ही निवेश कर रहे हैं। पहले के ही निवेश को फिर से गिना दिया है।

उन्होंने गुवाहाटी में 65 मंजिला ट्वीन टॉवर ट्रेड सेंटर बनाने के निर्णय की भी आलोचना की। उनके अनुसार असम को इसकी आवश्यकता नहीं है। गांवों में छोटे-छोटे ट्रेड टॉवर बनाने चाहिए। ताकि राज्य का असली विकास हो।

गोगोई बोले, ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में बांग्लादेश की तरफ से 40 हजार करोड़ का निवेश यहां करने की बात कही गई है। बांग्लादेश इतना धन दे दे तो वे राजनीति छोड़ देंगे। उन्होंने समिट में हुए बताए गए एमओयू की संख्या को लेकर भी संदेह जताया। पूछा कि जापान के राजदूत ने यहां असुविधाओं का जिक्र क्यों किया था। पूर्व मुख्यमंत्री के मुताबिक नमामि ब्रह्मपुत्र व बराक की तरह इस समिट में भी पैसों की बरबादी हुई है। एकमाह के भीतर इस सबका श्वेतपत्र प्रकाशित किया जाए।

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