ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से पोस्टग्रेजुएट आतिशी पहली बार चुनाव जीतीं

आम आदमी पार्टी (आप) की प्रत्याशी आतिशी कालकाजी विधानसभा सीट से चुनाव जीत गई हैं। उन्होंने भाजपा प्रत्याशी धर्मवीर सिंह को 11393 वोटों से हराया है। आतिशी को 55833 वोट मिले, जबकि धर्मवीर को 44411 वोट मिले हैं।

तीसरे नंबर पर कांग्रेस प्रत्याशी शिवानी चोपड़ा रहीं हैं। उन्हें 4956 वोट मिले हैं। यह पहला चुनाव है जिसमें आतिशी ने जीत दर्ज की। इससे पहले पिछले साल हुए लोकसभा चुनाव में वह भाजपा प्रत्याशी और क्रिकेटर गौतम गंभीर से बडे़ अंतर से चुनाव हार गई थीं। कालकाजी में कुल 1,06746 लोगों ने अपने मताधिकार का इस्‍तेमाल किया और 57.44 फीसदी वोट पड़े थे।

ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से पढ़ी हैं आतिशी

आतिशी, ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से पोस्टग्रेजुएट हैं और आप के राजनीतिक मामलों की समिति की सदस्य रहीं हैं। दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की सलाहकार भी रह चुकी हैं। दिल्ली के सरकारी स्कूलों की सूरत बदलने के पीछे 38 साल की आतिशी को ही माना जाता है। कहा जाता है कि आतिशी के सुझाव पर ही मनीष सिसोदिया ने शिक्षा व्यवस्था में बदलाव किए। मुख्यमंत्री केजरीवाल अपनी सरकार के कामों में अस्पतालों के साथ ही स्कूलों में हुए बदलाव का जिक्र जरूर करते हैं।

स्कूलों में हैप्पीनेस कैरिकुलम की शुरुआत
आतिशी ने ही दिल्ली के बड़े प्राइवेट स्कूलों का मुकाबला करने के लिए हैप्पीनेस कैरिकुलम की शुरुआत की थी। यह कोर्स दिल्ली के सरकारी स्कूलों के बच्चों के लिए है। हैप्पीनेस करिकुलम में 8वीं क्लास तक के बच्चों को इमोशनल रूप से मजबूत करना रहा है। बताया जाता है कि यह प्रयोग बेहद असरदार रहा है।

आतिशी के माता-पिता डीयू में पढ़ाते थे
आतिशी का जन्म 8 जून 1981 में हुआ। उनकी पढ़ाई दिल्ली के स्प्रिंगडेल स्कूल में हुई। इसके बाद उन्होंने सेंट स्टीफेंस कॉलेज से बैचलर डिग्री हासिल की। उन्होंने सेंट स्टीफेंस में टॉप किया था। इसके बाद स्कॉलशिप लेकर ऑक्सफोर्ड से मास्टर्स डिग्री हासिल की। आतिशी की मां तृप्ता वाही और पिता विजय कुमार सिंह डीयू में प्रोफेसर रहे हैं।
 

सैलरी के तौर पर एक रुपए लेती थीं आतिशी
आम आदमी पार्टी से जुड़ने से पहले आतिशी आंध्र प्रदेश के एक स्कूल में पढ़ाती थीं। वह कई एनजीओ से भी जुड़ी रहीं हैं। बताया जाता है कि बतौर सलाहकार काम करने के लिए वो दिल्ली सरकार से एक रुपए प्रति माह सैलरी लेती थीं। हालांकि उनकी संपत्ति 1 करोड़ 41 लाख 21 हजार 663 रुपए है और उनके ऊपर एक क्रिमिनल केस भी दर्ज है।

आतिशी ने नाम के पीछे क्यों जोड़ लिया था ‘मार्लेना’
आतिशी ने स्कूल के समय में मार्क्स और लेनिन से बनने वाले शब्द ‘मार्लेना’ को अपने नाम के साथ जोड़ दिया था। हालांकि, बाद में वह सार्वजनिक तौर पर इसका इस्तेमाल नहीं करती थीं। ऐसा भी कहा जाता है कि ‘मार्लेना’ के चलते कुछ लोग ईसाई समुदाय से उन्हें जोड़ने लगे थे। हालांकि, इस तरह की कोई बात आतिशी की तरफ से कभी नहीं कही गई।


लोकसभा चुनाव में पर्चा बांटने को लेकर हुआ था हंगामा

लोकसभा चुनाव के दौरान एक पेम्फलेट को लेकर हंगामा हो गया था। इस पर्चे में आम आदमी पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल और पार्टी प्रत्याशी आतिशी को लेकर अपशब्दों की भरमार थी। ‘नो योर कैंडीडेट’ टाइटल वाले इस पर्चे में पूर्वी दिल्ली से चुनाव लड़ रहीं आप प्रत्याशी आतिशी के खिलाफ अपमानजनक बातें लिखीं थीं। आप ने इस मामले में भाजपा प्रत्याशी गौतम गंभीर पर आपत्तिजनक पर्चे बंटवाने का आरोप लगाया था।

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