एनजीटी ने हेमा मालिनी को यमुना बाढ़ क्षेत्र से मलबा हटाने को कहा

न्यूज़ गेटवे /एनजीटी / नई दिल्ली /

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने सांसद हेमा मालिनी और मथुरा वृंदावन विकास प्राधिकार को मलबा हटाने का निर्देश दिया है। यह निर्देश दो दिवसीय रंगोत्सव की तैयारियों के लिए दिया गया है। एनजीटी ने अपने निर्देश में कहा है कि यमुना के किनारे यदि कोई मलबा है तो उसे हटाया जाना सुनिश्चित किया जाए।

जवाद रहीम की अध्यक्षता वाली पीठ ने मथुरा की सांसद हेमा मालिनी और प्राधिकार को बाढ़ क्षेत्र को कोई नुकसान नहीं पहुंचाने को कहा है। पीठ ने मथुरा में यमुना के बाढ़ क्षेत्र में आयोजित होने जा रहे सांस्कृतिक कार्यक्रम पर रोक लगाने की मांग करने वाली याचिका का निपटारा कर दिया।

एनजीटी ने उत्तर प्रदेश सरकार की दलील पर गौर किया। राज्य सरकार ने कहा कि प्रस्तावित स्थल पर होने वाले कार्यक्रम को दूसरी जगह स्थानांतरित किया जा सकता है। राज्य सरकार मथुरा में रंगोत्सव और बरसाना में पारंपरिक लट्ठमार होली आयोजित करने जा रही है।

 एनजीटी ने इससे पहले उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और क्लीन गंगा के लिए राष्ट्रीय मिशन को यमुना के बाढ़ क्षेत्र का निरीक्षण करने का निर्देश दिया था। मथुरा में ऐतिहासिक विश्राम घाट के विपरीत स्थित यमुना के बाढ़ क्षेत्र की जांच रिपोर्ट भी मांगी थी।

मथुरा के संगठन श्री मथुरा चतुर्वेद परिषद ने एनजीटी में याचिका दायर कर दो दिवसीय कार्यक्रम पर रोक लगाने की मांग की थी। संगठन ने कहा था कि नदी के किनारे निर्माण कराया जा रहा है। यह निर्माण जल संसाधन मंत्रालय के 2016 की अधिसूचना के खिलाफ है।

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