अभिनन्दन,वंदन,और ‘धर्मयुग की स्मृतियों का चन्दन’
काल के प्रवाह को थिर करते हुए मुंबई में स्मृतियों के आँचल के तले अवतरित हुआ
‘ धर्मयुग की याद ‘ का आत्मीय आयोजन।
-ओम प्रकाश
पूर्वांचल विकास प्रतिष्ठान, मारवाड़ी सम्मेलन और पूर्वांचल प्रथम पत्रिका द्वारा रविवार 7 अप्रैल को सावित्री देवी हरिराम अग्रवाल इंटरनॅशनल स्कूल , कांदिवली में आयोजित धर्मयुग की याद और श्री सुदीप के अमृत महोत्सव समारोह ने साहित्य और समाज को प्रगाढ़ता से जोड़ने, और दोनों को एक दूसरे के प्रत्रि जिम्मेदार और जवाबदेह बनाने के एक सिलसिले की शुरुआत की है। इस अवसर पर महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री श्री चंद्रकांत त्रिपाठी , पूर्व गृह राज्यमंत्री श्री कृपा शंकर सिंह और मुंबई के हिंदीभाषी समाज के दो जाने-माने नेताओं श्री श्रीकांत मिश्रा और श्री उदय प्रताप सिंह के नेतृत्व में साहित्य की पालखी और दिंडी भी निकाली गयी, और विद्वत पूजन की परंपरा भी शुरू की गयी।
कार्यक्रम की अध्यक्षता श्रीमती पुष्पा भारती ने की, और समारोह के मुख्य अतिथि थे- श्री मनमोहन सरल, श्री विश्वनाथ सचदेव, डॉ. सुशीला गुप्ता, डॉ. रतन कुमार पांडे, डॉ. करुणाशंकर उपाध्याय, डॉ. शीतला प्रसाद दुबे, श्री सुशील व्यास,, श्री श्रीकांत डालमिया, श्री आबिद सुरती और श्रीमती हीरावती गोपाल सिंह। समारोह में श्रीमती पुष्पा भारती ने डॉ. धर्मवीर भारती की लिखी कई कवितायें भी सुनाईं। उन्होंने अँधा युग के एक अंश का भी पाठ किया। श्री मुकुल नाग, श्री हरि मृदुल और सुश्री चित्रा देसाई में श्री सुदीप की रचनाओं का पाठ किया। इस अवसर पर श्री सुदीप ने अपने बचपन और तरुणावस्था को याद करते हुए कहा कि परिश्थितियां ऐसी थीं कि वे लेखक बनने के सिवा और कुछ बन ही नहीं सकते थे। उनके लिए विपरीत परिस्थितियों के खिलाफ एक प्रतिरोध था।
कार्यक्रम में श्री रवींद्र श्रीवास्तव का जन्मदिन अभिनन्दन भी किया गया और श्री कैलाश सेंगर की षष्ठिपूर्ति भी मनाई गयी। तथा, धर्मयुग में विभिन्न सम्पादकीय पदों पर रहे श्री नारायण दत्त, श्री गणेश मंत्री, श्री राम मनोहर त्रिपाठी, श्री सुरेंद्र प्रताप सिंह, श्री योगेंद्र कुमार लल्ला, श्री सतीश वर्मा,श्री राजन गांधी, श्री रूमा भादुड़ी और सुश्री सुमन सरीन को श्रद्धांजलि दी गयी। साथ ही डॉ. अमृतलाल नागर., .पं.नरेंद्र शर्मा , श्री शरद जोशी और डॉ.महेंद्र कार्तिकेय को भी बहुत आदर से याद किया गया। वे धर्मयुग और डॉ. भारती से बहुत प्रगाढ़ता से जुड़े हुए थे।
इस अवसर पर समाज , हिंदी समाज और हिंदी साहित्य की बेहतरी के लिए काम कर रहे
श्री हृदयेश मयंक और श्री शैलेश, श्री राकेश शर्मा और सुश्री सुरबाला मिश्रा सहित चिंतन दिशा पत्रिका की टीम , भारती प्रसार परिषद की टीम, श्री उदय प्रताप सिंह, श्री अश्विनी कुमार मिश्र और निर्भय पथिक की टीम, श्री गंगा शरण सिंह, पत्रकार श्री धनञ्जय सिंह, श्री शशिकान्त सिंह , श्री शरद मिश्र और परिदृश्य प्रकाशन की सुश्री अनुराधा का अभिनन्दन भी किया गया। समारोह स्थल पर प्रभात प्रकाशन और परिदृश्य प्रकाशन ने अपने स्टाल लगा कर समस्ज और पुस्तकों के बीच के जरूरी रिश्ते को रेखांकित किया।
कार्यक्रम को सुप्रसिद्ध नाट्यकर्मी श्री राजेंद्र गुप्ता, श्री गोपाल शर्मा, श्री ओम प्रकाश तिवारी, श्री धीरेन्द्र अस्थाना, श्री पंकज सिंह, सुश्री ममता सिंह, सुश्री रीना पंत, सुश्री निर्मला डोसी, सुश्री सुमित्रा अग्रवाल, सुश्री अमृता सिन्हा, श्री अर्जुन राणा, श्री अमित उपमन्यु , श्री राममूर्ति, श्री हरीश पाठक, सुश्री कमलेश पाठक, श्री शशि सिंह, श्री अभिषेक चौहान, श्री राज कश्यप, श्री मुकेश सेठ, श्री अमर त्रिपाठी, श्री चंदा बारगल , श्री राम जनक सिंह, सुश्री वंदना सिंह , सुश्री ऋचा सिंह, श्री संजय मासूम, श्री युगांक धीर, ऐडवोकेट राजेंद्र प्रसाद पांडे, श्री आनंद दुबे , श्री घनश्याम सिंह, श्री राजन यादव, श्री विजय यादव, श्री हरिशचंद्र यादव, सुश्री मंगला कुन्ड़ेतकर , सुश्री उषा मखीजा , श्री एस पी शर्मा आदि ने अपनी उपस्थिति से गौरवान्वित किया। सुश्री पुष्पा भारती का मातृपूजन पूर्वांचल विकास पत्रिका की संपादक सुश्री शुभम सिंह ने किया।
कार्यक्रम का सञ्चालन पूर्वांचल विकास प्रतिष्ठान के सचिव पत्रकार श्री ओम प्रकाश और सुश्री सविता मनचंदा ने किया। संयोजन श्री जय शंकर तिवारी, श्री बाल कृष्ण यादव , श्री प्रशांत त्रिपाठी और श्री राजकिशोर तिवारी ने किया।
कार्यक्रम का आयोजन और व्यवस्था श्री राम आसरे सिंह और श्री शर्वेश सिंह ने किया। साहित्य की पालखी और दिंडी अखिल भारतीय मानवाधिकार और नागरिक विकल्प के दफ्तर से निकली। विद्वत पूजन के यजमान रहे अखिल भारतीय मानवाधिकार और नागरिक विकल्प के संचालक श्री राजेश सिंह।